आप कहें तो तीन ज़माने एक ही लहर में बह निकलें By Sher << हिजाब-ए-अब्र रुख़-ए-महताब... अभी तो घर में न बैठें कहो... >> आप कहें तो तीन ज़माने एक ही लहर में बह निकलें आप कहें तो सारी बातों में ऐसी आसानी है Share on: