आराम अपने बस का है बस मैं नहीं है किया By Sher << अभी कुछ है अभी कुछ है अभी... आँखों में तिरी शक्ल है दि... >> आराम अपने बस का है बस मैं नहीं है किया गुलशन में क्या धरा है क़फ़स में नहीं है क्या Share on: