आरज़ू है सूरज को आइना दिखाने की By Sher << उसे ज़ियादा ज़रूरत थी घर ... आई थी चंद गाम उसी बे-वफ़ा... >> आरज़ू है सूरज को आइना दिखाने की रौशनी की सोहबत में एक दिन गुज़ारा है Share on: