आँसुओं से लिख रहे हैं बेबसी की दास्ताँ By Sher << अब के रूठे तो मनाने नहीं ... बे-कैफ़ कट रही थी मुसलसल ... >> आँसुओं से लिख रहे हैं बेबसी की दास्ताँ लग रहा है दर्द की तस्वीर बन जाएँगे हम Share on: