आतिश-ए-दोज़ख़ में ये गर्मी कहाँ By Sher << ख़ुद तुम्हें चाक-ए-गरेबाँ... चाँदनी रातों में चिल्लाता... >> आतिश-ए-दोज़ख़ में ये गर्मी कहाँ सोज़-ए-ग़म-हा-ए-निहानी और है Share on: