चाँदनी रातों में चिल्लाता फिरा By Sher << आतिश-ए-दोज़ख़ में ये गर्म... मत बैठ आशियाँ में परों को... >> चाँदनी रातों में चिल्लाता फिरा चाँद सी जिस ने वो सूरत देख ली Share on: