अब इस मक़ाम पे लाई है ज़िंदगी मुझ को By Sher << कैसे करें बंदगी 'ज़फ़... मिलने को यूँ तो मिलते थे ... >> अब इस मक़ाम पे लाई है ज़िंदगी मुझ को कि चाहता हूँ तुझे भी भुला दिया जाए Share on: