मिलने को यूँ तो मिलते थे कुछ लोग रोज़ ही By Sher << अब इस मक़ाम पे लाई है ज़ि... ख़ुदा कातिब की सफ़्फ़ाकी ... >> मिलने को यूँ तो मिलते थे कुछ लोग रोज़ ही लेकिन दिलों के बीच में पर्दा ज़रूर था Share on: