अब ज़मीनों को बिछाए कि फ़लक को ओढ़े By Sher << आओ गले मिल कर ये देखें दुनिया को रौंदने का हुनर ... >> अब ज़मीनों को बिछाए कि फ़लक को ओढ़े मुफ़्लिसी तो भरी बरसात में बे-घर हुई है Share on: