अब जो पत्थर है आदमी था कभी By Sher << अपने माहौल से कुछ यूँ भी ... अब तो हर एक अदाकार से डर ... >> अब जो पत्थर है आदमी था कभी इस को कहते हैं इंतिज़ार मियाँ Share on: