अपने माहौल से कुछ यूँ भी तो घबराए न थे By Sher << अलख जमाए धूनी रमाए ध्यान ... अब जो पत्थर है आदमी था कभ... >> अपने माहौल से कुछ यूँ भी तो घबराए न थे संग लिपटे हुए फूलों में नज़र आए न थे Share on: