अब ख़ाक उड़ रही है यहाँ इंतिज़ार की By Sher << सुनाते हो किसे अहवाल '... आज 'क़ाबिल' मय-कद... >> अब ख़ाक उड़ रही है यहाँ इंतिज़ार की ऐ दिल ये बाम-ओ-दर किसी जान-ए-जहाँ के थे Share on: