अब मिरी तन्हाई भी मुझ से बग़ावत कर गई By Sher << लब-ए-नाज़ुक के बोसे लूँ त... दरिया को अपनी मौज की तुग़... >> अब मिरी तन्हाई भी मुझ से बग़ावत कर गई कल यहाँ जो कुछ हुआ था सब फ़साना हो गया Share on: