अब नाम नहीं काम का क़ाएल है ज़माना By Sher << बहुत आसान है मुश्तरका दिल... हसीनों की दोनों अदाएँ हैं... >> अब नाम नहीं काम का क़ाएल है ज़माना अब नाम किसी शख़्स का रावन न मिलेगा Share on: