हसीनों की दोनों अदाएँ हैं दिलबर By Sher << अब नाम नहीं काम का क़ाएल ... ये दिल का कर्ब लबों तक कभ... >> हसीनों की दोनों अदाएँ हैं दिलबर किसी की हया तो शरारत किसी की Share on: