अब शिकवा-ए-संग-ओ-ख़िश्त कैसा By Sher << देखना कैसे पिघलते जाओगे किताब ज़ीस्त में बाब-ए-अल... >> अब शिकवा-ए-संग-ओ-ख़िश्त कैसा जब तेरी गली में आ गया हूँ Share on: