अब तक न ख़बर थी मुझे उजड़े हुए घर की By Sher << अल्लाह रे हुस्न-ए-दोस्त क... अब दिल का सफ़ीना क्या उभर... >> अब तक न ख़बर थी मुझे उजड़े हुए घर की वो आए तो घर बे-सर-ओ-सामाँ नज़र आया Share on: