अब तक तो इस सफ़र में फ़क़त तिश्नगी मिली By Sher << निकल गुलाब की मुट्ठी से औ... इक अजब शोर बपा है अंदर >> अब तक तो इस सफ़र में फ़क़त तिश्नगी मिली सुनते थे रास्ते में समुंदर भी आएगा Share on: