निकल गुलाब की मुट्ठी से और ख़ुशबू बन By Sher << किताब-ए-ज़ीस्त का उनवान ब... अब तक तो इस सफ़र में फ़क़... >> निकल गुलाब की मुट्ठी से और ख़ुशबू बन मैं भागता हूँ तिरे पीछे और तू जुगनू बन Share on: