अबस मेहनत है कुछ हासिल नहीं पत्थर-तराशी से By Sher << ये कहना तुम से बिछड़ कर ब... दुल्हन की मेहंदी जैसी है ... >> अबस मेहनत है कुछ हासिल नहीं पत्थर-तराशी से यही मज़मून था फ़रहाद के तेशे की खट-खट का Share on: