अभी तक फ़स्ल-ए-गुल में इक सदा-ए-दर्द आती है By Sher << हँसे भी रोए भी लेकिन न सम... आएँ पसंद क्या उसे दुनिया ... >> अभी तक फ़स्ल-ए-गुल में इक सदा-ए-दर्द आती है वहाँ की ख़ाक से पहले जहाँ था आशियाँ मेरा Share on: