अगर तेरी ख़ुशी है तेरे बंदों की मसर्रत में By Sher << भरोसा किस क़दर है तुझ को ... अब आप आ गए हैं तो आता नही... >> अगर तेरी ख़ुशी है तेरे बंदों की मसर्रत में तो ऐ मेरे ख़ुदा तेरी ख़ुशी से कुछ नहीं होता Share on: