भरोसा किस क़दर है तुझ को 'अख़्तर' उस की रहमत पर By Sher << दाता है बड़ा रज़्ज़ाक़ मि... अगर तेरी ख़ुशी है तेरे बं... >> भरोसा किस क़दर है तुझ को 'अख़्तर' उस की रहमत पर अगर वो शैख़-साहिब का ख़ुदा निकला तो क्या होगा Share on: