अहल-ए-बीनश को है तूफ़ान-ए-हवादिस मकतब By Sher << कुछ देर किसी ज़ुल्फ़ के स... हम जो कहते हैं सरासर है ग... >> अहल-ए-बीनश को है तूफ़ान-ए-हवादिस मकतब लुत्मा-ए-मौज कम अज़ सैली-ए-उस्ताद नहीं Share on: