अहल-ए-हवस तो ख़ैर हवस में हुए ज़लील By मोहब्बत, इश्क़, लव, रुस्वाई, Sher << आज भी 'प्रेम' के ... आँख से आँख जब नहीं मिलती >> अहल-ए-हवस तो ख़ैर हवस में हुए ज़लील वो भी हुए ख़राब, मोहब्बत जिन्हों ने की Share on: