और 'फ़राज़' चाहिएँ कितनी मोहब्बतें तुझे By Sher << बुझीं शमएँ तो दिल जलाए है... अब कौन फिरे कू-ए-बुत-ए-दु... >> और 'फ़राज़' चाहिएँ कितनी मोहब्बतें तुझे माओं ने तेरे नाम पर बच्चों का नाम रख दिया Share on: