'फ़राज़' तू ने उसे मुश्किलों में डाल दिया By Sher << जो निगाह-ए-नाज़ का बिस्मि... बुतों में नूर-ए-ज़ात-ए-कि... >> 'फ़राज़' तू ने उसे मुश्किलों में डाल दिया ज़माना साहब-ए-ज़र और सिर्फ़ शाएर तू Share on: