बुतों में नूर-ए-ज़ात-ए-किब्रिया मालूम होता है By Sher << 'फ़राज़' तू ने उस... थक गए हम तो फ़ुसूँ-साज़िया... >> बुतों में नूर-ए-ज़ात-ए-किब्रिया मालूम होता है मुझे कुछ दिन से हर पत्थर ख़ुदा मालूम होता है Share on: