वा'दा किया है ग़ैर से और वो भी वस्ल का By वादा, विसाल, Sher << खुलता है हर इक शख़्स के क... कौसर का जाम उस को इलाही न... >> वा'दा किया है ग़ैर से और वो भी वस्ल का कुल्ली करो हुज़ूर हुआ है दहन ख़राब Share on: