ऐ दिल फिर उन से दोस्ती की By Sher << ऐसे मुसाफ़िरान-ए-अदम तंग-... ऐ चर्ख़-ए-पीर ज़ोर-ए-जवान... >> ऐ दिल फिर उन से दोस्ती की ओ ख़ाना-ख़राब फिर वही की Share on: