ऐसे मुसाफ़िरान-ए-अदम तंग-दिल गए By Sher << अल्लाह रे तरद्दुद-ए-ख़ाति... ऐ दिल फिर उन से दोस्ती की >> ऐसे मुसाफ़िरान-ए-अदम तंग-दिल गए मुँह भी किया न आलम-ए-ईजाद की तरफ़ Share on: