ऐसा है कि सिक्कों की तरह मुल्क-ए-सुख़न में By Sher << मोहब्बत की तो कोई हद, कोई... अब किस को याँ बुलाएँ किस ... >> ऐसा है कि सिक्कों की तरह मुल्क-ए-सुख़न में जारी कोई इक याद पुरानी करें हम भी Share on: