ऐसे लगता है कि कमज़ोर बहुत है तू भी By Sher << कहाँ पहुँच के हदें सब तमा... वो भी रो रो के बुझा डाला ... >> ऐसे लगता है कि कमज़ोर बहुत है तू भी जीत कर जश्न मनाने की ज़रूरत क्या थी Share on: