कहाँ पहुँच के हदें सब तमाम होती हैं By Sher << दैर ओ काबा से जो हो कर गु... ऐसे लगता है कि कमज़ोर बहु... >> कहाँ पहुँच के हदें सब तमाम होती हैं इस आसमान से नीचे उतर के देखा जाए Share on: