ऐसी हैं क़ुर्बतें कि मुझी में बसा है वो By Sher << बे-ख़बर रोड पे इन भागते ब... अभी छिड़े ही न थे तज़्किर... >> ऐसी हैं क़ुर्बतें कि मुझी में बसा है वो ऐसे हैं फ़ासले कि नहीं राब्ता नसीब Share on: