अजब पुर-लुत्फ़ मंज़र देखता रहता हूँ बारिश में By Sher << आप शर्मा के न फ़रमाएँ हमे... रेत है सूरज है वुसअत है त... >> अजब पुर-लुत्फ़ मंज़र देखता रहता हूँ बारिश में बदन जलता है और मैं भीगता रहता हूँ बारिश में Share on: