रेत है सूरज है वुसअत है तन्हाई By Sher << अजब पुर-लुत्फ़ मंज़र देखत... अबस घर से अपने निकाले है ... >> रेत है सूरज है वुसअत है तन्हाई लेकिन नाँ इस दिल की ख़ाम-ख़याली जाए Share on: