अजब तरह का अधूरापन है मिरे बयाँ में By Sher << कोई सबब तो था कि 'ग़ौ... अजीब बात हमारा ही ख़ूँ हु... >> अजब तरह का अधूरापन है मिरे बयाँ में सो मेरा क़िस्सा कहीं सुनाने में रह गया है Share on: