अजब तेरी है ऐ महबूब सूरत By Sher << अमरद-परस्त है तो गुलिस्ता... ऐसी ऊँची भी तो दीवार नहीं... >> अजब तेरी है ऐ महबूब सूरत नज़र से गिर गए सब ख़ूबसूरत Share on: