अजीब लोग थे ख़ामोश रह के जीते थे By Sher << अपनी पहचान के सब रंग मिटा... ये नफ़सियाती मरीज़ों का श... >> अजीब लोग थे ख़ामोश रह के जीते थे दिलों में हुर्मत-ए-संग-ए-सदा के होते हुए Share on: