होता है महसूस ये 'आजिज़' शायद उस ने दस्तक दी By Sher << बे-ख़ुदी में जिसे हम समझे... बाज़ार-ए-आरज़ू में कटी जा... >> होता है महसूस ये 'आजिज़' शायद उस ने दस्तक दी तेज़ हवा के झोंके जब दरवाज़े से टकराते हैं Share on: