लोग जीते हैं किस तरह 'अजमल' By Sher << बिछड़ कर उस से सीखा है तस... ये ही हैं दिन, बाग़ी अगर ... >> लोग जीते हैं किस तरह 'अजमल' हम से होता नहीं गुज़ारा भी Share on: