लिपट भी जा न रुक 'अकबर' ग़ज़ब की ब्यूटी है By Sher << ये सितम की महफ़िल-ए-नाज़ ... हूँ ख़ता-कार सियाहकार गुन... >> लिपट भी जा न रुक 'अकबर' ग़ज़ब की ब्यूटी है नहीं नहीं पे न जा ये हया की ड्यूटी है Share on: