किस को फ़ुर्सत थी कि 'अख़्तर' देखता मेरी तरफ़ By Sher << देखा है कहीं गुल ने तुझे ... उफ़ुक़ के आख़िरी मंज़र मे... >> किस को फ़ुर्सत थी कि 'अख़्तर' देखता मेरी तरफ़ मैं जहाँ जिस बज़्म में जब तक रहा तन्हा रहा Share on: