देखा है कहीं गुल ने तुझे जिस की ख़ुशी से By Sher << मत मुँह से 'निसार'... किस को फ़ुर्सत थी कि '... >> देखा है कहीं गुल ने तुझे जिस की ख़ुशी से फूला है वो इतना कि क़बा में न समावे Share on: