हवा हो ऐसी कि हिन्दोस्ताँ से ऐ 'इक़बाल' By Sher << शौक़ से शौक़ है कुछ मंज़ि... इक तेज़ रा'द जैसी सदा... >> हवा हो ऐसी कि हिन्दोस्ताँ से ऐ 'इक़बाल' उड़ा के मुझ को ग़ुबार-ए-रह-ए-हिजाज़ करे Share on: