इक तेज़ रा'द जैसी सदा हर मकान में By Sher << हवा हो ऐसी कि हिन्दोस्ताँ... लटकते देखा सीने पर जो तेर... >> इक तेज़ रा'द जैसी सदा हर मकान में लोगों को उन के घर में डरा देना चाहिए Share on: