अल्ताफ़-ओ-करम ग़ैज़-ओ-ग़ज़ब कुछ भी नहीं है By Sher << वहीं के पत्थरों से पूछ मे... वफ़ा निगाह की तालिब है इम... >> अल्ताफ़-ओ-करम ग़ैज़-ओ-ग़ज़ब कुछ भी नहीं है था पहले बहुत कुछ मगर अब कुछ भी नहीं है Share on: