वहीं के पत्थरों से पूछ मेरा हाल-ए-ज़िंदगी By Sher << ना-तमामी के शरर में रोज़ ... अल्ताफ़-ओ-करम ग़ैज़-ओ-ग़ज... >> वहीं के पत्थरों से पूछ मेरा हाल-ए-ज़िंदगी मैं रेज़ा रेज़ा हो के जिस दयार में बिखर गया Share on: