है लुत्फ़ हसीनों की दो-रंगी का 'अमानत' By Sher << हम तुम में कल दूरी भी हो ... जो चाहते हो बदलना मिज़ाज-... >> है लुत्फ़ हसीनों की दो-रंगी का 'अमानत' दो चार गुलाबी हों तो दो चार बसंती Share on: